रूबीना फ्रांसिस, जबलपुर की एक पैरा पिस्टल शूटर, ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी प्रेरणादायक है। रूबीना का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था और उनके दोनों पैर तिरछे थे, जिससे उन्हें खड़े होकर शूटिंग करने में काफी मुश्किल होती थी। लेकिन उन्होंने अपनी दिव्यांगता को कभी भी अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया।
रूबीना की शूटिंग की यात्रा वर्ष 2014 में शुरू हुई जब उन्होंने गन फॉर ग्लोरी शूटिंग अकादमी के प्रतिभा खोज चयन स्पर्धा में भाग लिया। इस अकादमी ने उन्हें निशुल्क प्रशिक्षण दिया और उनकी प्रतिभा को निखारने में मदद की। रूबीना के माता-पिता ने भी उनकी शूटिंग की रुचि को देखते हुए उन्हें पूरा समर्थन दिया।
रूबीना ने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बदौलत धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा को निखारा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उन्होंने वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप-2023 में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में रजत पदक हासिल किया था। पेरिस पैरालंपिक 2024 में उनकी यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी गर्व की बात है।
रूबीना की इस अद्वितीय उपलब्धि पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें बधाई संदेश भेजा और ट्वीट कर अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि रूबीना की यह जीत देश के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं, विशेष रूप से बेटियों के लिए प्रेरणादायक है। यह जीत संघर्ष से सफलता तक के मार्ग को प्रकट करती है।
रूबीना की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कभी हार न मानें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उनकी यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी एक प्रेरणा है।